Telecom Rules Change: भारत सरकार ने दूरसंचार नियमों में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जिसके तहत नए राइट ऑफ वे (RoW) नियम 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी होंगे। दूरसंचार विभाग (DoT) के सचिव नीरज मित्तल ने सभी राज्य सचिवों को इन परिवर्तनों के बारे में सूचित किया है, और 30 नवंबर तक अनुपालन की पुष्टि करने का अनुरोध किया है। इन संशोधनों का उद्देश्य देश भर में 5G नेटवर्क के विस्तार में तेजी लाते हुए ऑप्टिकल फाइबर और दूरसंचार टावरों की स्थापना को सुव्यवस्थित करना है।
उन्नत राज्य प्राधिकरण और बुनियादी ढांचा विकास
नए ढांचे के तहत, राज्यों को दूरसंचार अवसंरचना तैनाती के प्रबंधन में अधिक अधिकार प्राप्त होंगे। RoW नियम, जो सार्वजनिक और निजी संपत्ति पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के मानकों को नियंत्रित करते हैं, में बड़े बदलाव किए जाएंगे। यह सुधार संपत्ति मालिकों और दूरसंचार प्रदाताओं दोनों के लिए अधिक कुशल प्रणाली बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक सुरक्षा और पारदर्शिता पर ज़ोर दिया गया है।
दूरसंचार ऑपरेटरों और सेवा प्रदाताओं पर प्रभाव
नए नियम सीधे तौर पर जियो, एयरटेल, वोडाफोन और बीएसएनएल सहित प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों को प्रभावित करेंगे। इन बदलावों से दूरसंचार ऑपरेटरों और बुनियादी ढांचा प्रदाताओं को काफी लाभ होने की उम्मीद है, क्योंकि नियमों का उद्देश्य ऑप्टिकल फाइबर और दूरसंचार टावरों को स्थापित करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है। संशोधन बुनियादी ढांचे की तैनाती के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा प्रदान करेंगे, जिससे संभावित रूप से देरी और नौकरशाही बाधाओं को कम किया जा सकेगा।
5G नेटवर्क विस्तार और बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण
नए RoW नियमों का मुख्य उद्देश्य 5G नेटवर्क की तैनाती में तेज़ी लाना है। ये नियम बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए अधिकतम सीमाएँ स्थापित करेंगे और नेटवर्क विस्तार के लिए अधिक मानकीकृत दृष्टिकोण तैयार करेंगे। आधुनिकीकरण पर यह ज़ोर भारत के दूरसंचार बुनियादी ढांचे में सुधार और पूरे देश में तेज़ नेटवर्क कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इन नए RoW नियमों का कार्यान्वयन भारत के दूरसंचार क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्यों को अधिक अधिकार देकर और बुनियादी ढांचे की तैनाती प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके, सरकार का लक्ष्य एक अधिक कुशल और आधुनिक दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। इस विनियामक सुधार से भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है, खासकर 5G नेटवर्क विस्तार और बेहतर कनेक्टिविटी सेवाओं के संदर्भ में।