Board Exam 2025: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बदलाव पेश किए हैं, जो छात्रों के मूल्यांकन के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं। कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए विशेष रूप से लागू ये नए नियम अधिक व्यापक और कौशल-उन्मुख सीखने का अनुभव बनाने का लक्ष्य रखते हैं।
प्रमुख विनियामक संशोधन
आगामी शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए, सीबीएसई ने कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू किए हैं जो परीक्षा परिदृश्य को मौलिक रूप से बदल देंगे। बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए पात्र होने के लिए छात्रों को अब न्यूनतम 75% उपस्थिति की आवश्यकता पूरी करनी होगी। बोर्ड ने दो-सत्र की परीक्षा प्रणाली भी शुरू की है और चुनिंदा विषयों के लिए डिजिटल मूल्यांकन को शामिल करेगा।
सबसे उल्लेखनीय संशोधनों में शामिल हैं:
- पाठ्यक्रम सामग्री में 15% की कमी
- प्रश्नपत्रों में 50% कौशल आधारित प्रश्न
- कुल अंकों का 40% आंतरिक मूल्यांकन
- बहुविकल्पीय प्रश्नों पर अधिक ध्यान
- बाह्य परीक्षकों की देखरेख में आयोजित व्यावहारिक परीक्षाएं
परीक्षा कार्यक्रम और तैयारी रणनीति
बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी, 2025 से शुरू होंगी, कक्षा 10 की परीक्षाएं 18 मार्च तक समाप्त होंगी और कक्षा 12 की परीक्षाएं 4 अप्रैल, 2025 तक चलेंगी। देश भर में इन परीक्षाओं में लगभग 4.4 मिलियन छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है।
इन परिवर्तनकारी बदलावों के पीछे मुख्य उद्देश्य रटने की आदत से हटकर अधिक व्यापक समझ-आधारित दृष्टिकोण अपनाना है। पाठ्यक्रम के दबाव को कम करके और कौशल-आधारित मूल्यांकन शुरू करके, सीबीएसई का लक्ष्य छात्रों की विश्लेषणात्मक क्षमताओं और आलोचनात्मक सोच कौशल को विकसित करना है।
छात्रों के लिए लाभ
नया परीक्षा ढांचा कई लाभ प्रदान करता है:
- पाठ्यक्रम की बेहतर समझ
- सीखने का दबाव कम हुआ
- सतत एवं व्यापक मूल्यांकन
- कौशल-उन्मुख मूल्यांकन पद्धति
- चुनिंदा विषयों के लिए ओपन-बुक परीक्षा के विकल्प
तकनीकी और शैक्षणिक नवाचार
सीबीएसई के अभिनव दृष्टिकोण में डिजिटल मूल्यांकन पद्धतियां और अधिक लचीली परीक्षा संरचना शामिल है। बोर्ड ने छात्रों को भविष्य की शैक्षणिक और व्यावसायिक चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए इन परिवर्तनों को रणनीतिक रूप से डिज़ाइन किया है, जिसमें पारंपरिक याद करने की तकनीकों पर व्यावहारिक ज्ञान पर जोर दिया गया है।
छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे इन नए दिशा-निर्देशों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें, कौशल विकास पर ध्यान दें और तदनुसार तैयारी करें। 2025 की बोर्ड परीक्षाएँ अधिक समग्र और छात्र-केंद्रित शिक्षा प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो पूरे भारत में लाखों युवा शिक्षार्थियों के लिए अधिक सार्थक सीखने के अनुभव का वादा करती हैं।
नए नियम शैक्षिक पद्धतियों को विकसित करने के प्रति सीबीएसई की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, तथा यह सुनिश्चित करते हैं कि विद्यार्थी न केवल अकादमिक रूप से कुशल हों, बल्कि अपने भविष्य के प्रयासों के लिए आवश्यक आलोचनात्मक सोच और व्यावहारिक कौशल से भी सुसज्जित हों।